Read Time5
Minute, 17 Second
तेल अवीव: सीरिया में बशर अल-असद के शासन के पतन से सबसे ज्यादा खुश तु्र्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन हैं। उन्हें लग रहा है कि सीरिया में विद्रोही गुट के कब्जे से तुर्की के धुर विरोधी कुर्द लड़ाकों का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। इसी को लेकर आज तुर्की के विदेश मंत्री हाकन फिदान ने दमिश्क में सीरिया के विद्रोही नेता और सुन्नी इस्लामी ग्रुप हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) के प्रमुख अहमद अल शरा से मुलाकात भी की है। इस बीच इजरायल को सीरिया में मुस्लिम ब्रदरहुड की सुन्नी शाखा के उदय को लेकर चिंता सताने लगी है। इस गुट को कतर और तुर्की का समर्थन हासिल है, जबकि इजरायल को दुश्मन मानता है।
इजरायली विशेषज्ञों का कहना है कि इससे मध्य पूर्व के भूराजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर तुर्की सीरिया के विद्रोही बलों को हथियार देने का फैसला करता है, तो यह स्पष्ट नहीं है कि इजरायल कैसे प्रतिक्रिया देगा और क्या वह अमेरिकी हथियारों से ट्रांसफर को विफल कर पाएगा। हालांकि, इजरायल के सुरक्षा प्रतिष्ठान को अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने वाले प्रशासन में संभावित उम्मीद दिखती है, क्योंकि ट्रंप और एर्दोगन के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं। ट्रंप ने हाल के वर्षों में तुर्की को नाटो स हटाने के लिए भी आवाज उठाई है।
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस की व्यस्तता के कारण क्षेत्र में पैदा हुए शून्य को पहले ही पहचान लिया था और खुद को "नया पुतिन" के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। वह रूस और ईरान की कीमत पर अज़रबैजान के साथ मिलकर गैस पाइपलाइन के निर्माण को आगे बढ़ा रहे हैं, तुर्की के विमानन यातायात को बढ़ा रहे हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात कि उनके शासनकाल में तुर्की तेजी से सीरियाई क्षेत्रों पर कब्जा कर रहा है। इसकी कीमत सीरिया में बसे कुर्दों को चुकानी पड़ रही है। यह सब तब हो रहा है जब तुर्की की अर्थव्यवस्था ढह रही है।
तुर्की की सीरिया में बढ़ती दखलअंदाजी को देखते हुए इजरायल ने अपनी सैन्य तैनाती को बढ़ा दिया है। आईडीएफ उत्तरी कमान के सूत्रों के अनुसार, विद्रोहियों ने सीरियाई गोलान हाइट्स के गांवों में काम करना शुरू कर दिया है, जिसका उद्देश्य असद शासन बलों द्वारा खाली किए गए क्षेत्रों पर नियंत्रण करना और आईडीएफ को चुनौती देना है। आईडीएफ ने सीरियाई क्षेत्र पर बफर जोन में अपनी उपस्थिति मजबूत कर ली है। उत्तरी कमान के सूत्रों के अनुसार, आईडीएफ अगली सूचना तक सीरियाई क्षेत्र में रहेगा।
मौजूदा निर्देशों के आधार पर, इजरायली सेना सीरियाई क्षेत्र में सर्दी बिताने की तैयारी कर रही है। इसमें विशेष उपकरणों को ट्रांसफर करना, चौकियां स्थापित करना और गांवों को बायपास करने वाले वैकल्पिक मार्ग बनाना शामिल है। यह क्षेत्र में विद्रोहियों या अन्य सशस्त्र बलों से जुड़े संभावित चरम परिदृश्यों के लिए तैयारी करते हुए किया जा रहा है। IDF सीरियाई क्षेत्र में स्थापित किए जा रहे बफर ज़ोन को सीमा और आस-पास के समुदायों के लिए एक सुरक्षात्मक बेल्ट के रूप में देखता है।
तुर्की की चाल से इजरायल को नुकसान
इजरायली विशेषज्ञों का कहना है कि इससे मध्य पूर्व के भूराजनीति पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर तुर्की सीरिया के विद्रोही बलों को हथियार देने का फैसला करता है, तो यह स्पष्ट नहीं है कि इजरायल कैसे प्रतिक्रिया देगा और क्या वह अमेरिकी हथियारों से ट्रांसफर को विफल कर पाएगा। हालांकि, इजरायल के सुरक्षा प्रतिष्ठान को अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आने वाले प्रशासन में संभावित उम्मीद दिखती है, क्योंकि ट्रंप और एर्दोगन के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं। ट्रंप ने हाल के वर्षों में तुर्की को नाटो स हटाने के लिए भी आवाज उठाई है।
नया पुतिन बनने की राह पर एर्दोगन
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस की व्यस्तता के कारण क्षेत्र में पैदा हुए शून्य को पहले ही पहचान लिया था और खुद को "नया पुतिन" के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं। वह रूस और ईरान की कीमत पर अज़रबैजान के साथ मिलकर गैस पाइपलाइन के निर्माण को आगे बढ़ा रहे हैं, तुर्की के विमानन यातायात को बढ़ा रहे हैं और सबसे महत्वपूर्ण बात कि उनके शासनकाल में तुर्की तेजी से सीरियाई क्षेत्रों पर कब्जा कर रहा है। इसकी कीमत सीरिया में बसे कुर्दों को चुकानी पड़ रही है। यह सब तब हो रहा है जब तुर्की की अर्थव्यवस्था ढह रही है।
इजरायल ने बढ़ाई सैन्य तैनाती
तुर्की की सीरिया में बढ़ती दखलअंदाजी को देखते हुए इजरायल ने अपनी सैन्य तैनाती को बढ़ा दिया है। आईडीएफ उत्तरी कमान के सूत्रों के अनुसार, विद्रोहियों ने सीरियाई गोलान हाइट्स के गांवों में काम करना शुरू कर दिया है, जिसका उद्देश्य असद शासन बलों द्वारा खाली किए गए क्षेत्रों पर नियंत्रण करना और आईडीएफ को चुनौती देना है। आईडीएफ ने सीरियाई क्षेत्र पर बफर जोन में अपनी उपस्थिति मजबूत कर ली है। उत्तरी कमान के सूत्रों के अनुसार, आईडीएफ अगली सूचना तक सीरियाई क्षेत्र में रहेगा।
इजरायली सेना ने क्या तैयारियां की
मौजूदा निर्देशों के आधार पर, इजरायली सेना सीरियाई क्षेत्र में सर्दी बिताने की तैयारी कर रही है। इसमें विशेष उपकरणों को ट्रांसफर करना, चौकियां स्थापित करना और गांवों को बायपास करने वाले वैकल्पिक मार्ग बनाना शामिल है। यह क्षेत्र में विद्रोहियों या अन्य सशस्त्र बलों से जुड़े संभावित चरम परिदृश्यों के लिए तैयारी करते हुए किया जा रहा है। IDF सीरियाई क्षेत्र में स्थापित किए जा रहे बफर ज़ोन को सीमा और आस-पास के समुदायों के लिए एक सुरक्षात्मक बेल्ट के रूप में देखता है।
+91 120 4319808|9470846577
स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.